GROUND REPORT : धान खरीदी की खुली पोल… किस कदर हो रहा किसानों के साथ अन्याय… सामने आया सच
पखांजूर। प्रदेश में 1 दिसंबर से जारी धान खरीदी को पूरे एक माह हो चुके हैं। सरकार दावा कर रही है कि प्रदेश के किसानों से उनका पूरा धान समर्थन मूल्य पर खरीदा जा रहा है, खुशहाली लौट रही है, लेकिन जमीनी हकीकत इससे ठीक उलट है। इसका ज्वलंत उदाहरण कांकेर जिले के पखांजूर से सामने आया है, जहां पर किसानों ने बताया कि उन्हें किस तरह से धान खरीदी के नाम पर धोखा दिया जा रहा है।
किसानों से बताया कि धान खरीदी केंद्रों में सरकार बारदाना उपलब्ध नहीं करा पा रही है। इस मुसीबत से बचने के लिए पहले तो किसानों का रकबा कम कर दिया गया है, वहीं किसानों को अपना बारदाना आधी कीमतों में सरकार को बेचने के लिए मजबूर किया जा रहा है। किसानों का यहां तक कहना है कि बारदाना नहीं होने की वजह से उनका धान तक सरकार नहीं खरीद रही है, जिसकी वजह से किसानों को 25 से 30 रुपए बारदानों के पीछे खर्च करना पड़ रहा है।
इस मामले को स्थानीय जिला पंचायत सदस्य सुनीता मंडल से चर्चा की, तो उन्होंने भी इस सच्चाई से अवगत कराया कि यहां पर किसानों के साथ घोर अन्याय हो रहा है। उनका कुल रकबा कम कर पंजीयन किया गया है, तो किसानों को बारदाना आधी कीमतों पर सरकार को उपलब्ध कराए जाने बाध्य किया जा रहा है। जिला पंचायत सदस्य का कहना है कि किसानों के साथ ऐसा नहीं होना चाहिए।