BIG NEWS : फिर आई बर्बादी की बारिश… लापरवाही और आपदा की जुगलबंदी… हजारों क्विंटल धान भीगा
रायपुर। छत्तीसगढ़ में शुक्रवार को मौसम ने अचानक करवट ली और प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश हो गई। कहीं हल्की तो, कहीं मध्यम और कुछ जगहों पर तेज बारिश ने मौसम में ठंडक तो ला दिया, लेकिन इस बेमौसम बारिश की वजह से हजारों क्विंटल धान भीग गया। भीगे हुए धान का खराब होना लगभग तय है, क्योंकि इनकी मात्रा काफी है। इसमें दो राय नहीं कि यह विभागीय लापरवाही, बदइंतजामी का ही नतीजा है, जिसमें बेमौसम बारिश ने आग में घी का काम किया है।
राज्य सरकार का दावा है कि प्रदेश में अंतिम तारीख तक रिकार्ड 91 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी समर्थन मूल्य पर की गई है, लेकिन इनके रख-रखाव के समूचित व्यवस्था की दरकार पूरी नहीं हो पाई। नतीजतन, धान खुले में ही पड़े रहे। शुक्रवार को अचानक हुई बारिश की वजह से प्रदेश के विभिन्न केंद्रों में रखे धान बुरी तरह से भीग गए।
फिलहाल कितनी मात्रा में धान भीगे हैं, कितनी मात्रा में खराब होने की संभावना है, इसका वास्तविक आकलन नहीं हो पाया है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक जिस तरह से मौसम के हालात फिलहाल बने हुए हैं, बारिश हुई है, उससे इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि हजारों क्विंटल धान बारिश की भेंट चढ़ गए हैं और इसके लिए जिम्मेदार विभाग है।