अपहरण फिर फिरौती की रकम के बाद भी कर दी हत्या…जानिए क्या है पूरा मामला
यूपी। वाराणसी जनपद स्थित पंचक्रोशी पैगंबरपुर के एक बच्चे का अपहरण कर उसके घर के सामने कागज फेंककर 50 हजार रुपये की फिरौती मांगी गई। इसके बाद बच्चे का गला दबाकर उसकी हत्या करने के बाद शव उसके घर के समीप फूलों के खेत में फेंक दिया गया। लुकाछिपी खेल रहे बच्चों ने बच्चे का शव देखा तो शोर मचाया। मौके पर पहुंची पुलिस शव पोस्टमार्टम के लिए ले जाने लगी तो परिजनों और अन्य लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। घटनास्थल पर लोगों की चीख और दर्दनाक मंजर देख हर किसी की रूह कांप उठी। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया यह प्रतीत हो रहा है कि बच्चे के पिता से पुरानी रंजिश में वारदात को अंजाम दिया गया है। पुलिस बच्चे के पिता से पूर्व में विवाद करने वाले क्षेत्र के ही एक युवक सहित दो को हिरासत में लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है।
सारनाथ थाना अंतर्गत पंचक्रोशी पैगंबरपुर निवासी मंजय कुमार वैवाहिक कार्यक्रमों में स्टेज की सजावट का काम करता है। मंजय का इकलौता बेटा और कक्षा चार में पढ़ने वाला विशाल (9) बीती 29 जनवरी को क्षेत्र में ही हाथी देखने निकला था। इसके बाद उसका पता नहीं लगा। खोजबीन के बाद मंजय ने सारनाथ थाने में सूचना दी तो गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज की गई। 30 जनवरी को मंजय के घर के सामने एक कागज फेंका पड़ा मिला। कागज में लिखा था कि 50 हजार रुपये चौबेपुर लेकर आओ, वरना विशाल को मार दिया जाएगा।
मंजय परिजनों के साथ चौबेपुर गया लेकिन घंटों के इंतजार के बाद भी उसके पास कोई नहीं आया। सोमवार की दोपहर मंजय के घर से लगभग 500 मीटर दूर बच्चे फूलों के खेत में खेल रहे थे। उसी दौरान एक बच्चे ने विशाल का शव देखा तो शोर मचाते हुए घर जाकर अपनी मां को बताया और देखते ही देखते लोगों की भीड़ जुट गई। एसएसपी अमित पाठक ने बताया कि वारदात से जुड़े सभी बिंदुओं को खंगाला जा रहा है। खुलासे के लिए क्राइम ब्रांच सहित पुलिस की तीन टीमें गठित की गई हैं।
विशाल का शव मिला तो उसके परिजनों ने सारनाथ थाने की पुलिस को जमकर खरीखोटी सुनाई। सभी का कहना था कि यदि पुलिस तत्परता दिखाती तो शायद बच्चा बच जाता। वहीं, एसएसपी ने सारनाथ थाना प्रभारी और पुरानापुल चौकी प्रभारी को जमकर फटकारा और पूछा कि ऐसी लापरवाही क्यों की…? एसएसपी ने दोनों को कार्रवाई की चेतावनी दी है। विशाल के पिता मंजय और परिजनों का कहना था कि 29 जनवरी को जब बच्चा गायब हुआ तो पुलिस ने सूचना को बहुत हल्के में लिया।
30 जनवरी को जब 50 हजार रुपये वाला कागज घर के सामने मिला तो पुलिस को फिर सूचना दी गई। तब जाकर पुलिस ने सीसी कैमरों की फुटेज खंगालना शुरू किया। इसके बावजूद क्राइम ब्रांच जैसी एजेंसी की मदद लेकर बच्चे को खोजने का प्रयास गंभीरता के साथ नहीं किया गया। पुलिस की लापरवाही और लचर कार्यशैली बच्चे की जिंदगी और भारी पड़ गई। स्थानीय लोगों का कहना था कि इस प्रकरण में शुरू से ही लापरवाही बरतने वाले पुलिसकर्मियों के खिलाफ अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।